हरियाणा की जेलों में बंद हर चौथा कैदी अनुसूचित जाति से संबंधित!

 

हरियाणा की जेलों में बंद कैदियों में अनुसूचित जाति (एससी) और मुसलमानों का अनुपात प्रदेश की आबादी में उनके हिस्से से अधिक है. 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी का हिस्सा 20.17 प्रतिशत है. लेकिन रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा की जेलों में बंद 5,880 दोषियों में से 1,570 अनुसूचित जाति से संबंधित थे, जो कि कुल दोषियों का 26.7 प्रतिशत है. यानी हर चार दोषियों में से एक अनुसूचित जाति से है. इसके अलावा 6.3 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अपराधी भी रहे हालांकि राज्य में कोई एसटी आबादी नहीं है.

2021 में कुल 18,237 कैदियों में से 5,073 अनुसूचित जाति समुदाय से थे. 2021 में विचाराधीन कैदियों में एससी कैदी 27.8 प्रतिशत थे. 2020 में अनुसूचित जाति के विचाराधीन कैदियों का आंकड़ा 28.7 प्रतिशत से अधिक था. वहीं 2020 में अनुसूचित जाति से आने वाले दोषियों का आंकड़ा 29.3 प्रतिशत रहा जबकि एसटी कैदियों की संख्या 3.7 प्रतिशत थी.

31 दिसंबर, 2021 तक, हरियाणा की 19 जेलों में 5,880 दोषी और 18,237 विचाराधीन कैदी थे. यानी हरियाणा की 19 जेलों में करीबन 24 फीसदी दोषी और 75.5 फीसदी विचाराधीन कैदी बंद रहे. इनमें से कुल मिलाकर 48.2 प्रतिशत दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. राज्य की जेलों में 19,999 कैदियों की क्षमता के मुकाबले 24,158 कैदी थे यानि जेलों में कैदियों की क्षमता से 20 फीसदी ज्यादा कैदी रखे गए.

2011 की जनगणना के अनुसार, हरियाणा में मुस्लिम आबादी 7.03 प्रतिशत रही. 2021 में 746 मुस्लिम अपराधी थे, जो कुल दोषियों का 12.7 प्रतिशत था. वहीं हरियाणा की जेलों में सिख समुदाय से आने वाले दोषियों का आंकड़ा 10 फीसदी रहा हालांकि राज्य की आबादी में सिख आबादी का हिस्सा 4.91 फीसदी है. 2020 में, मुस्लिम दोषियों की हिस्सेदारी 16.7 प्रतिशत से अधिक थी, लेकिन सिखों की संख्या 5.3 प्रतिशत थी.

. वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में देश के दूसरे राज्यों से संबंधित दोषियों की संख्या भी सबसे अधिक है. 31 दिसंबर, 2021 तक हरियाणा में दूसरे राज्यों से संबंधित 1,170 अपराधी (19.9 प्रतिशत) थे, जो किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के लिए सबसे अधिक है. 2020 में, राज्य में अन्य राज्यों के 777 अपराधी थे जो मध्य प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर था.