रिसर्च: सोशल मीडिया को लेकर युवाओं में बदलाव,फेसबुक जैसी एप्प पर घट रही सक्रियता!

 

प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए नए सर्वे में सामने आया है कि अमेरिका में अब युवा सोशल मीडिया से दूर रहने लगे हैं. बताया जा रहा है कि 1997 से 2012 के बीच में पैदा हुई पीढ़ी सोशल मीडिया पर उतनी एक्टिव नहीं है. फेसबुक के प्रयोग में हुई कमी का एक कारण सोशल साइट के प्रयोग से डाटा लीक, प्राइवेसी को खतरा रहा है.

सर्व में पाया गया कि अधिकतर युवा सोशल मीडिया की वजह से परेशान हैं. हर 10 में से तीसरा बच्चे डिप्रेशन, डर, चिंता काशिकार हैं. भारत में 73% बच्चे मोबाइल का प्रयोग करते हैं. जिनमें से अधिकतर युवाओं में आज वीडियोस का क्रेज है. हालांकि मेटा जैसी कंपनियां प्रतिदिन अपनी सोशल एप्स में गुणात्मक परिवर्तन करती हैं परंतु आज का युवा आसानी से ऊब जाता है.

युवाओं की सोच में परिवर्तन आने लगा है. सर्वे में एक ओर बात यह भी सामने आई कि युवा सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफार्म को यूज करने लगा है. वह केवल एक एप्प का प्रयोग नहीं करता. बल्कि उसके पास सोशल मीडिया की अलग अलग एप्प होती हैं.रिसर्च में सामने आया कि युवा पुराने पहनावे और संगीत की ओर भी आकृषित हो रहा है.

वहीं युवाओं की सोशल मीडिया पर घटी सक्रियता का कारण डाटा लीक, प्राइवेसी, डिप्रेशन जैसे मुद्दे हैं. हालांकि सोशल मीडिया ने बहुत से युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान किए हैं. जिससे वे अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं. आज देश में बेरोजगारी ने युवाओं को सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म की तरफ प्रोत्साहित किया है. जैसा कि भारत में 73% युवाओं में वीडियो का क्रेज है. और उससे रोजगार भी प्राप्त करता है.

प्यू सर्वे में पाया गया कि लंबे समय तक एक चीज से बंधे रहना युवाओं के ऊबाउ बनारहा है जिसके कारण वह नए अवसरों या प्रयोगों की खोज करने लगता है. भारत में भी युवाओं में बढ़ रहे डिप्रेशन जैसी बीमारियां सोशल मीडिया की वजह से ही है. किंतु भारत में बेरोजगारी के चलते सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का ज्यादा इस्तेमाल होने लगा है. चाहे वह रोजगार प्राप्त करने के लिए हो या फिर बोरियत दूर करने के लिए इंटरटेन पर युवा की पहली पसंद सोशल मीडिया ही है.