एक रेफरी, कोच और दो पहलवानों ने महिला पहलवानों के पक्ष में गवाही देते हुए आरोपों की पुष्टि की!

 

महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण सिंह के खिलाफ शिकंजा कसता नजर आ रहा है. पहले महिला पहलवानों द्वारा दर्ज करवाए गए बयान अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के जरिए जनता के सामने आए अब उन बयानों की पुष्टि करने वाले चार लोग और सामने आए हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में एक ओलंपियन, एक राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेता, एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी और एक राज्य स्तर के कोच ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कम से कम तीन महिला पहलवानों के आरोपों की पुष्टि की है, अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी रिपोर्ट के अनुसार ये 125 संभावित गवाहों में से चार हैं जिनके बयान दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए हैं.

यह दिल्ली पुलिस द्वारा दो FIR दर्ज करने के बाद आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पेशेवर सहायता के बदले “यौन शोषण” करने के कम से कम दो उदाहरण हैं. यौन उत्पीड़न की करीब 15 और बिना अनुमति के छूने की 10 घटनाएं शामिल हैं. छेड़छाड़ जिसमें स्तनों पर हाथ चलाना, नाभि को छूना शामिल है वहीं पीछा करने समेत डराने-धमकाने के कई मामले हैं.

वहीं चार गवाहों के बारे में पूछे जाने पर, दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता सुमन नलवा ने अखबार को बताया, “हम इस मामले की जांच या सबूत क्या हैं, इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते. जांच अभी भी चल रही है. एसआईटी मामले की जांच कर रही है और अदालत को एक रिपोर्ट सौंपेगी.”

एक महिला पहलवान के कोच ने पुलिस को को बताया कि महिला पहलवान ने उन्हे बृजभूषण द्वारा ऐसा बर्ताव करने के 6 घंटे बाद ही फोन पर बता दिया था. इसके साथ ही दो महिला पहलवानों जिनमें एक ओलंपियन हैं और दूसरी राष्ट्रमंडल पदक विजेता हैं- ने दिल्ली पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर दो शिकायतकर्ता महिला पहलवानों के दावे की पुष्टि की. पहलवानों ने अपने बयान में बताया, “शिकायतकर्ता पहलवान ने बृजभूषण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में एक महीने बाद उन्हें बताया था”

वहीं एक रैफरी, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सर्किट के एक बड़े अधिकारी ने दिल्ली पुलिस को बताया, “जब देश और विदेश में टूर्नामेंट के लिए यात्रा कर रहे थे तो वास्तव में महिला पहलवानों की दुर्दशा के बारे में सुना था.”

दिल्ली पुलिस ने महिला पुलिसकर्मियों सहित एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया, जिसने कुश्ती संघ से उन लोगों के बारे में जानकारी मांगी है जो उस टूर्नामेंट में मौजूद थे, जहां कथित तौर पर यौन उत्पीड़न की घटनाएं हुई थीं. पुलिस ने मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता वाली सरकार द्वारा नियुक्त निरीक्षण समिति की रिपोर्ट भी जांची है जिसे बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए बनाया गया था.

एसआईटी द्वारा 158 लोगों की एक सूची तैयार की गई थी और उन्होंने सबूत इकट्ठा करने और बयान दर्ज करने के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और कर्नाटक का दौरा किया है. अब तक, उन्होंने 125 लोगों के बयान दर्ज किए हैं और उनमें से चार ने अपने बयानों में तीन महिला पहलवानों के आरोपों की पुष्टि की है.

FIR दर्ज होने के बाद, SIT द्वारा बृजभूषण से दो बार पूछताछ की गई और दोनों मौकों पर बृजभूषण ने अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए दावा किया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. वहीं SIT ने डब्ल्यूएफआई के सचिव विनोद तोमर से भी तीन से चार घंटे तक पूछताछ की, जिनका नाम छह बालिग पहलवानों द्वारा दर्ज FIR में है.

21 अप्रैल को, नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी की अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं. पहलवानों ने बाद में यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया कि पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही है. इसके बाद पुलिस ने 2 FIR दर्ज की.