‘क्लाइमेट चेंज’ ने बढ़ाई किसानों की चिंता, आय में आई 16% की कमी!

 

किसानों का अनुमान है कि पिछले दो सालों में क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन के कारण उनकी आय में औसतन 15.7 फीसदी की कमी आई है. इस दौरान छह में से एक किसान ने 25% से अधिक की आय हानि की बात कही है. बायर क्रॉपसाइंस के फार्मर वॉयस सर्वे के अनुसार 71% किसान जलवायु परिवर्तन के बड़े प्रभाव का सामना कर रहे हैं और इससे भी अधिक किसान भविष्य में इसके प्रभाव को लेकर चिंतित हैं. इसके अलावा 73% किसानों ने बढ़ते कीट और बीमारियों के दबाव का अनुभव किया है.

जीवन विज्ञान कंपनी बायर ने वैश्विक स्तर पर 800 किसानों का स्वतंत्र रूप से साक्षात्कार करने के लिए एक एजेंसी नियुक्त की, जो ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, जर्मनी, भारत, केन्या, यूक्रेन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बड़े और छोटे खेतों का समान संख्या में प्रतिनिधित्व करते थे. सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को लगता है कि जलवायु परिवर्तन का असर जारी रहेगा. वैश्विक स्तर पर तीन-चौथाई (76%) किसान इस बात से चिंतित हैं कि जलवायु परिवर्तन का उनके खेतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जिनमें केन्या और भारत के किसान सबसे अधिक चिंतित हैं.

बायर एजी के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य और फसल विज्ञान विभाग के अध्यक्ष रोड्रिगो सैंटोस ने कहा, “किसान पहले से ही अपने खेतों पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों का अनुभव कर रहे हैं और साथ ही वे इससे निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यही कारण है कि उनकी आवाज को सामने और केंद्र में रखना बहुत महत्वपूर्ण है.”

जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख व्यापक विषय है, अगले तीन वर्षों में आर्थिक चुनौतियां सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं. आधे से अधिक (55%) किसानों ने उर्वरक लागत को शीर्ष तीन चुनौतियों में रखा, इसके बाद ऊर्जा लागत (47%), मूल्य और आय में अस्थिरता (37%), और फसल सुरक्षा की लागत (36%) शामिल हैं.