कृषि विभाग ने किसानी बजट का 21 हजार करोड़ सरेंडर किया!

 

एक ओर किसान खराब फसल मुआवजे और एमएसपी को लेकर कृषि बजट बढ़ाने की मांग करते रहे हैं वहीं कृषि मंत्रालय किसानों के लिए आवंटित बजट की भी प्रयोग नहीं कर पाया है. “साल 2022-2023 के लिए खाते एक नज़र में” शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2022) के दौरान अपने 1.24 लाख करोड़ रुपये के वार्षिक आवंटन में से 21,005.13 करोड़ रुपये वापस कर दिए. यह पिछले साल 2021-22 के दौरान विभाग द्वारा सरेंडर की गई राशि का लगभग चार गुना है, जो इसके 1.23 लाख करोड़ आवंटन में से 5,152.6 करोड़ रुपये थी. विभाग ने 2020-21 में 23,824.53 करोड़ रुपये, 2019-20 में 34,517.7 करोड़ रुपये और 2018-19 में 21,043.75 करोड़ रुपये सरेंडर किए हैं.

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, जो मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने 2022-23 में अपने कुल आवंटन 8,658.91 करोड़ रुपये में से 9 लाख रुपये, 2021-22 में 1.81 करोड़ रुपये, 2020-21 में 600 करोड़ ,2019-20 में 232.62 करोड़ और 2018-2019 में 7.9 करोड़ रुपये सरेंडर किये हैं.

वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान केंद्र द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि शुरू करने के साथ, कृषि मंत्रालय के तहत दोनों विभागों का संयुक्त बजट 54,000 करोड़ रुपये (या केंद्र के 24.42 लाख करोड़ रुपये के कुल बजट का 2.3%) से बढ़ गया. 2018-19 में 1.32 लाख करोड़ रुपये (या 2022-23 के दौरान कुल 39.44 लाख करोड़ रुपये का 3.5%). पिछले पांच साल में इस योजना का वार्षिक आवंटन 20 हजार करोड़ रुपये से 75 हजार करोड़ रुपये के बीच रहा है. हालाँकि, सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मंत्रालय के कुल आवंटन को 2022-23 में 1.32 लाख करोड़ रुपये से मामूली रूप से घटाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया.