18 अक्तूबर को मंत्रियों के घरों का घेराव, 26 नवंबर को चंडीगढ़ कूच करेंगे मजदूर संगठन!

 

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीआईटीयू) और ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन (एआईएडब्ल्यूयू) की हरियाणा राज्य समितियों द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय ‘मजदूर ललकार रैली’ में असंगठित क्षेत्र के हजारों मजदूरों और ठेकेदारी प्रथा पर काम करने वाले कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. प्रदेशभर से हजारों की संख्या में आए मजदूर करनाल के सेक्टर 12 में जुटे.

मजदूरों ने न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 26,000 रुपये किया जाने की मांग की. इसके साथ ही योजना कर्मियों और कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को नियमित किया जाने और मजदूर विरोधी श्रम कोड और अनुबंध प्रणाली को रद्द किया जाए मजदूर संगठनों ने मनरेगा योजना के तहत 200 दिन का काम और 600 रुपये दैनिक मजदूरी की भी मांग की.

ललकार रैली में मजदूर संगठनों ने सरकार से सभी मजदूरों को निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत करने और मजदूरों के लिए आवास के लिए 100 गज के प्लॉट और मकान निर्माण के लिए अनुदान की गारंटी देने, मजदूरों और किसानों के लिए 10 हजार रुपये की मासिक पेंशन देने की मांग की.

ललकार रैली के मंच से सभी मजदूरों और गरीब किसानों का कर्ज माफ करने और सभी जरूरतमंद लोगों के बीपीएल कार्ड बनाए जाने की मांग की, साथ ही सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी दी जाए और खेत मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए अलग कानून बनाया जाए.

मजदूर नेताओं ने घोषणा की कि 18 अक्टूबर को आशा कार्यकर्ताओं के समर्थन में राज्य सरकार के मंत्रियों के घरों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा बता दें कि आशा कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर 8 अगस्त से प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इसके अलावा सभी मजदूर 26 से 28 नवंबर तक चंडीगढ़ में तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन करेंगे.