बाढ़ आपदा में जेब खाली करने में लगी सरकार, पानी बिलों में 25% बढ़ोतरी!

 

एक तरफ जहां हरियाणा भरी बाढ़ के संकट से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सूबे की सरकार आम जनता का जेब खर्च बढ़ाने में लगी हुई हैं. प्रदेश में पहले ही घग्घर, मारकंडा और टांगरी नदी में आए तेज बहाव ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है ऐसे में आम जनमानस सरकार से मदद की गुहार लगा रहा हैं, लेकिन सरकार ने इसके उलट उनके खर्च को और बढ़ा दिया हैं.

दरअसल हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) ने पानी के दामों में 25 प्रतिशत का इजाफा किया है. प्रदेश के सभी सेक्टरों में ये बढ़ी हुई दरें जल्द ही लागू की जाएगी. सरकार की पॉलिसी के मुताबिक पानी के रेट सालाना 5 फीसदी बढ़ाए जाते हैं. प्राधिकरण ने पिछले चार वर्षों की 20% की बढ़ोतरी को इस साल 5% टैरिफ बढ़ोतरी के साथ जोड़ा और इस साल सीधे 25% बढ़ोतरी के साथ पानी के बिल भेज दिए.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को हाउस ओनर वेलफेयर एसोसिएशन (HOWA), सेक्टर 17 के सदस्यों ने इसके बारे में जानकारी दी. जिसके बाद उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसे वापस लेने की मांग की. साथ ही सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी नहीं करने पर विरोध प्रदर्शन की भी चेतावनी दी.

रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, (सेक्टर 4) के अध्यक्ष देविंदर महाजन का कहना है की पंचकुला के निवासियों को मनमाने ढंग से महंगे पानी के बिल भेजे जा रहे हैं. दिए जा रहे बिलों में 8 हजार रुपये से 10 हजार रुपये तक के बिल हैं, भला आम आदमी और बुजुर्ग इतने महंगे बिल कहां से भरेंगे.

हमलावर हुआ विपक्ष

सरकार के ऐसे समय पर लिए गए इस फैसले से विपक्ष भी हमलावर हो गया गया है. प्रदेश के पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि “एक तरफ जनता के ऊपर मौसम तो दूसरी तरफ महंगाई की मार पड़ रही है। सरकार जनता की जेब काटने का कोई भी मौका नहीं चूकती। उनका कहना है कि प्रदेश की जनता पहले से ही आसमान छूती महंगाई का बोझ झेल रही है। ऐसे में पानी के बिलों में बढ़ोतरी करके भाजपा और जजपा सरकार ने जनता के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है.”