बेरोजगारी के चलते अब हरियाणा सरकार ने विदेश में नौकरियां देने का अभियान छेड़ा!

 

हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी दर पर चिंताओं के बीच, मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार ने भर्ती सुविधा प्रदाता के तौर पर हरियाणवी छोरे-छोरियों को विदेशों में नौकरी दिलवाने का बेड़ा उठाया है. हमास के साथ चल रहे युद्ध के कारण इज़राइल के निर्माण क्षेत्र में मजदूरों की भारी कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार हरियाणा से 10,000 कुशल श्रमिकों की भर्ती करने की तैयारी में जुटी है. इजराइल के अलावा फिनलैंड, उज्बेकिस्तान, जापान, इग्लैंड और सऊदी अरब में देखभाल करने वालों से लेकर अनुवादकों तक, लगभग 41 तरह की नौकरियों के लिए आवेदन मांगे हैं.

भर्ती अभियान की देखरेख हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) द्वारा की जाएगी. हरियाणा सरकार ने सबसे पहले इज़राइल के लिए 10,000 निर्माण श्रमिक, इंग्लैंड में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी अस्पताल के लिए 50 स्टाफ नर्स और दुबई में 50 बाउंसरों (सुरक्षा गार्ड) की भर्ती के लिए विज्ञापन दिए थे और अब कुछ दिनों बाद ही 31 दिसंबर को भी विदेशों में 41 तरह की नौकरियों के विज्ञापन दिए हैं.

ताज़ा नौकरियों के विज्ञापनों में फ़िनलैंड देश में €2093.83 से €2123.16 (लगभग 1.85 लाख रुपये से 1.88 लाख रुपये) के मासिक वेतन पर और जापान में 96,800 रुपये से 1.3 लाख रुपये प्रति माह के मासिक वेतन पर देखभाल करने वालों के 50 पद शामिल हैं, तो इंग्लैंड में नर्सों के 2,500 पदों के लिए £26,000-29,000 प्रति वर्ष (लगभग 27.6 लाख रुपये से 30.7 लाख रुपये) और उज्बेकिस्तान में हिंदी, अंग्रेजी और रूसी भाषा का ज्ञान रखने वाले अनुवादकों के लिए 1,000 डॉलर प्रति माह पर उम्मीदवारों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं.

इज़राइल में निर्माण श्रमिकों के लिए नौकरियों का एक बार फिर विज्ञापन दिया गया है. इन पदों के लिए इज़राइली मुद्रा में 6100 एनआईएस का मासिक वेतन, जोकि भारतीय मुद्रा में लगभग 1.34 लाख रुपये विज्ञापित किया गया है. ये विवरण कई राष्ट्रीय अखबारों में भी छप चुके हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 5 जनवरी है. हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) ने भर्ती अभियान में रुचि रखने वाले युवक-युवतियों के लिए विशिष्ट मानदंडों की रूपरेखा तैयार की है. आवेदकों की न्यूनतम आयु 25 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 54 वर्ष निर्धारित की गई है. नौकरियों में आवेदन के लिए एक प्रमुख शर्त कम से कम तीन साल का प्रासंगिक कार्यक्षेत्र में अनुभव होना है, और कम से कम 10 वीं तक की पढ़ाई अनिवार्य है.

विज्ञापित नौकरियों में अरब अमीरात में लगभग 2,600 दिरहम (एईडी) मासिक वेतन पर ‘हेवी बस ड्राइवर’ के 200 पद और 2,500 दिरहम के मासिक वेतन पर ‘लाइट बस ड्राइवर्स’ के लिए 95 पद हैं. जापान में 2,40,000 येन (लगभग 1.42 लाख रुपये) प्रति माह पर रेस्तरां स्टाफ के 20 पद (पुरुषों के लिए 35 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 65 प्रतिशत) हैं अन्य विज्ञापन सऊदी अरब में तकनीशियनों की रिक्तियों से संबंधित हैं, जिनमें इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर, संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी और दुबई में एसी तकनीशियन शामिल हैं. संयुक्त अरब अमीरात के नियोक्ता भी विशेष रूप से राजमिस्त्री, वेल्डर और सफाईकर्मी के रूप में काम करने वाली महिलाओं की तलाश कर रहे हैं. इन नौकरियों के लिए दिए गए विज्ञापनों के किसी भी लिंक पर क्लिक करते ही यह आवेदक को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की वेबसाइट पर पहुंचा देता है, जो कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 2008 में स्थापित एक गैर-लाभकारी कंपनी है.

हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां आमतौर पर बेरोजगारी का मुद्दा बड़े स्तर पर उठता रहा है. भर्ती अभियान में शामिल होने के इच्छुक आवेदकों के पास विभिन्न निर्माण-संबंधी कौशल में विशेषज्ञता होना आवश्यक है. औद्योगिक भवन बनाने, लकड़ी का काम, फर्श और दीवारों दोनों के लिए सिरेमिक टाइलिंग, पलस्तर का काम और लोहे के काम में दक्षता आवश्यक है. इसके अलावा, उम्मीदवारों को निर्माण योजनाओं को पढ़ने और व्याख्या करने की ठोस समझ का टेस्ट भी पास करना होगा. इस भर्ती प्रक्रिया का समय इज़राइल में श्रमिकों की गंभीर कमी की रिपोर्टों से मेल खाता है. लगभग 90,000 फ़िलिस्तीनियों के लिए कार्य परमिट रद्द करने से कृषि और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अधिक कमी पैदा हो गई है. इससे हरियाणा के कुशल श्रमिकों का इस्तेमाल फिलिस्तीनी मजदूरों की जगह भरने के लिए भर्ती किया जा रहा है.

हरियाणा सरकार द्वारा भर्ती एजेंट के रूप में सेवा देने का कदम विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के हालिया बयान के अनुरूप है. हालांकि उन्होंने उन दावों का खंडन किया जिसमें फिलिस्तीनी मजदूरों को भारतीय श्रमिकों से बदलने के बारे में केंद्र और इज़राइल के बीच चर्चा का सुझाव दिया गया था. इजराइल के लिए किए गए आवेदनों के जिलेवार वितरण से पता चला है कि जींद से सबसे ज्यादा 52,089 आवेदन आए हैं, इसके बाद कैथल (47,593), हिसार (46,453), करनाल (42,446), और यमुनानगर (34,642) हैं. इसके उल्ट, पंचकुला से 7,565, फरीदाबाद से 4,696 और गुरुग्राम से 4,548 ही आवेदन मिले हैं.

विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सरकार की इस पहल की आलोचना की है, जिसमें “युद्ध प्रभावित” इज़रायल में नौकरियों के लिए हरियाणा से भी उम्मीदवारों की भर्ती निकाली गई है. उन्होंने कहा, “हमने वर्तमान भाजपा-जजपा शासन के दौरान हरियाणा में बेरोज़गारी की सबसे खराब स्थिति देखी है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने पिछले साल जनवरी के दौरान बेरोज़गारी दर 37.4 प्रतिशत रखी थी. राज्य सरकार राज्य के भीतर नौकरियां प्रदान करने में असमर्थ रही है और वे लोगों को प्रदान की जाने वाली विदेशी नौकरियों के लिए निजी सलाहकारों के साथ गठजोड़ करके युवाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा अगर सरकार लोगों को नौकरियां मुहैया कराने के प्रति गंभीर है, तो उसे राज्य में खाली पड़ी हज़ारों नौकरियों” के लिए युवाओं की भर्ती करनी चाहिए.”