नासिर-जुनैद हत्याकांड: सबूत मिटाने के लिए गौरक्षकों की सलाह पर जलाए शव!

 

राजस्थान के रहने वाले दो मुस्लिम युवाओं नासिर और जुनैद को भिवानी में गोरक्षकों द्वारा पीट पीटकर मारा था और फिर दोनों युवाओं के शवों को आग लगाकर जला दिया था. जुनैद और नासिर की हत्या के फोरेंसिक सबूतों को खत्म करने और अदालत में मामले को कमजोर करने की एक सोची-समझी साजिश थी. आठ लोगों ने मिलकर दोनों युवाओं की बेरहमी से पिटाई के बाद अपने प्रभावशाली गौरक्षकों की सलाह पर शवों को जलाया था.

इसका खुलासा राजस्थान पुलिस की हिरासत में बंद गौरक्षक अनिल मुलथान से पूछताछ के बाद हुआ है. पुलिस अधिकारियों ने खुलासा किया कि फिरोजपुर झिरका की सीआईए इकाई द्वारा नासिर और जुनैद को गिरफ्तार करने से इनकार करने और उन्हें वापस कर दिए जाने के बाद मुख्य आरोपी फोन और व्हाट्सएप पर दूसरे गौरक्षकों के संपर्क में थे – जिनमें से कई को आरोप पत्र में साजिशकर्ताओं के रूप में नामित भी किया जा चुका है.

अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया, “आरोपियों ने उनसे जुड़े सतर्क लोगों की सलाह के बाद दोनों शवों को जला दिया. फोरेंसिक सबूत न बचे, उन्होंने शवों को जलाने का फैसला किया. हम इन सलाह देने वाले गौरक्षको की भूमिका भी जांच कर रहे हैं.

वहीं इस हत्याकांड के मुख्यारोपी मोनू मानेसर को पटौदी की एक कोर्ट ने गुरुग्राम में हत्या के प्रयास के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.