नई MSP दर भी किसानों के लिए घाटे का सौदा, MSP से ज्यादा बढ़ी फसल की लागत!

 

हरियाणा के शाहाबाद में सुरजमुखी की फसल पर MSP की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज के एक दिन बाद केंद्र सरकार की ओर से खरीब की 14 फसलों पऱ एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने की घोषणा की गई. इन फसलों में मुख्यरूप से धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंग, रागी, तूर (अरहर), उड़द, मूंगफली, सूजरमुखी बीज, सोयबीन, तिल और कपास शामिल है. लेकिन खरीब की फसलों पर बढ़ाया गया MSP फसलों की पैदावार पर आई लागत से भी कम है.

वहीं किसान नेता सरकार के इस फैसले ने नाखुश नजर आए. किसान नेता कृषि मामलों के जानकार रमनदीप सिंह मान ने लिखा, “CACP की रिपोर्ट कह रही है खरीफ फसलों की लागत 7.7% बड़ी है, परसों सरकार ने 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, जिसमें से 10 फसलों पर 7.7% से कम MSP बढ़ाया, और ये ही सरकार कह रही है कि किसान की आमदनी दोगुनी करनी है;जब लागत से कम MSP बढ़ेगा, तो किसान की आमदनी दोगुनी कैसे होगी?”

जिन फसलों पर एसएसपी बढ़ाकर सरकार वाहवाही लूटने में जूटी है उनमें से 6 फसलें तो ऐसी है जिनका पैदावार खर्च इस साल बढ़कर नई MSP दर से भी ज्यादा है. इनमें बाजरे की फसल का पैदावार खर्च पिछले साल से 7.50 फीसदी बढ़ा है. वहीं अरहर यानी तूर दाल की 7 फीसदी पैदावार लागत बढ़ी है लेकिन इसपर 6.06 फीसदी एमएसपी बढ़ाया गया है. ऐसे ही उड़द और सूजमुखी पर लागत 10.50 फीसदी बढ़ी है लेकिन एसएसपी केवल 5.64 फीसदी बढ़ाया गया है. यानी केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए एमएसपी का किसानों को कोई लाभ नहीं पहुंचने वाला है. खरीफ फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में किसानों का फिर भारी नुक्सान होगा क्योंकि MSP की गणना अभी भी A2 लागत पर है न की सम्पूर्ण C2 प्लस 50 फीसदी लागत पर, इसके चलते किसानों को घाटा इस प्रकार है.धान=Rs 683.50/क्विंटल, अरहर=Rs 1989.50/क्विंटल,मूंग=Rs 2269/क्विंटल,कपास=Rs 2059/क्विंटल.