पंजाब: बाढ़ राहत में जुटे मुस्लिम युवा, आपसी भाईचारे की बनी मिसाल!

 

पंजाब में आई बाढ़ से ग्रस्त पीड़ितों की मदद के लिए सिख समुदाय के लोग पहले दिन से ही सेवा में जुटे हैं. धार्मिक संगठनों के साथ साथ किसान संगठनों ने भी बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. किसान, राशन पानी से लेकर पशुओं के चारे और मिट्टी तक की सेवा दे रहे हैं.

वहीं बाढ़ आपदा के बीच लोगों की मदद के लिए सिख समुदाय के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय के संगठनों ने जुड़े लोग भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. इस आपदा के दौरान लोगों की सेवा में जुटे लोगों के बीच धार्मिक बाधाओं पर भी रोक लगी है. पीड़ितों की मदद के दौरान अलग अलग धर्म के लोगों में नजदीकियां देखने को मिली हैं.

पंजाब के लोहियां में इसी तरह का माहौल देखने की मिला है. यहां मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों तक पहुंच रहे हैं और भोजन, राशन, पीने का पानी और जरूरत की अन्य चीजें मुहैया कराकर मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं.

सिर्फ पंजाब से ही नहीं, मुस्लिम समुदाय के लोग पिछले हफ्ते से राजस्थान के हनुमानगढ़ से लोहियां आ रहे हैं, जो मंडला, और नल गांवों के निवासियों के साथ भाईचारे के बंधन का संकेत देता है.

ये लोग बच्चों और महिलाओं के बीच राशन, पानी और कपड़े बांट रहे हैं. हनुमानगढ़ के फेफन गांव के शाहरुख, जो मुस्लिम युवा समिति, फेफन से जुड़े हैं, ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से इस त्रासदी के बारे में पता चला. उन्होंने कहा, “हमने सिख समुदाय को हर किसी की मदद के लिए आगे आते देखा है; हम भाईचारे का संदेश भी फैलाना चाहते हैं.” शाहरुख ने कहा कि एक और समूह मदद के लिए कल यहां आएगा.

अंग्रेजी अखबार दैनिक ट्रिब्यून में छपी रिपोर्ट के अनुसार लोहियां के मंडला में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक सोहन लाल ने कहा,”वह यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि बाढ़ के दौरान मानवता की जीत कैसे हुई. उन्होंने कहा, “यह अवास्तविक लगता है.मैंने देखा कि उनके वाहन गांव में हर जगह रुकते हैं और लोगों से पूछते हैं कि क्या उन्हें किसी चीज की जरूरत है.”

वहीं नकोदर से आए अब्दुल सत्तार ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा के मुसलमानों ने यहां बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत सामग्री भेजी है.