सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को झटका,दिल्ली सरकार को मिला अधिकारियों का नियंत्रण!

 

दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विराम लगा दिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार के हक में फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि संबंधित मामलों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर दिल्ली सरकार का नियंत्रण है. वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल लोक व्यवस्था, पुलिस और जमीन से जुड़े मामलों को छोड़कर अन्य सेवाओं पर दिल्ली सरकार के फैसले से बंधे होंगे.

संवैधानिक पीठ ने कहा कि दिल्ली विधानसभा लोकतंत्र के सिद्धांत का प्रतीक है. विधानसभा को जन आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए कानून बनाने की शक्तियां दी गई हैं.

पीठ ने कहा, “यदि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को अधिकारियों को नियंत्रित करने की शक्ति नहीं दी जाती है, तो जवाबदेही की त्रिस्तरीय श्रृंखला का सिद्धांत निरर्थक होगा. यदि अधिकारी मंत्रियों को रिपोर्ट करना बंद कर देते हैं या उनके निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो सामूहिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत प्रभावित होता है” यदि “सेवाओं” को विधायी और कार्यकारी से बाहर रखा जाता है तो मंत्रियों को उन सिविल सेवकों को नियंत्रित करने से बाहर रखा जाएगा, जिन्हें कार्यकारी निर्णयों को लागू करना है”

पीठ का मानना है कि यदि अधिकारियों को लगता है कि वे सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं, तो यह अधिकारियों की जवाबदेही को कम करेगा और शासन को प्रभावित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा