भू-जल दोहन मामले में पहले स्थान पर पंजाब, हरियाणा में भी हालात ठीक नहीं!

 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा भू-जल दोहन के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है. साल 2022 में हरियाणा में भूजल दोहन की स्थिति 134.14% थी जो देश में तीसरी सबसे खराब थी. राज्यसभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद डॉ. फौजिया खान के एक सवाल पर जल शक्ति मंत्रालय के जवाब के अनुसार, साल 2022 में पंजाब में सबसे ज्यादा 165.99% भू-जल दोहन किया गया, इसके बाद राजस्थान में 151.07% भू जल दोहन किया गया.

इन तीन राज्यों में से केवल हरियाणा में, भूजल निकासी में मामूली सुधार हुआ, क्योंकि 2017 में यह 136.91% था. पंजाब के मामले में, 2017 में भूजल निकासी 165.77% थी जबकि राजस्थान में 139.88%. मंत्रालय ने जवाब दिया कि पूरे देश के लिए, भूजल निकासी 2017 में 63.33% की तुलना में 2022 में औसतन 60.08% रही, जो थोड़ी राहत की बात है.

यह मूल्यांकन केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर किया गया है. सबसे ज्यादा पानी दोहन ब्लॉकों में जहां जल निकासी 100% से अधिक है, हरियाणा में 2017 में 128 मूल्यांकन इकाइयों में से 78 ब्लॉक हुआ करते थे, लेकिन 2022 में, अब 143 मूल्यांकन इकाइयों में से 88 ब्लॉक (61.54%) हैं. 2017 में, पंजाब में मूल्यांकन किए गए 138 ब्लॉकों में से 109 अतिदोहित ब्लॉकों की सूचना दी.

राजस्थान में, 2017 में मूल्यांकन किए गए 295 में से 185 ब्लॉक ऐसे थे जिनका अत्यधिक दोहन किया गया था. पांच वर्षों के बाद, यह संख्या 302 मूल्यांकन में से 219 थी. दशकीय जल-स्तर में उतार-चढ़ाव में, नवंबर 2012 से 2021 के औसत की तुलना नवंबर 2022 से करने पर, हरियाणा में 258 में से 114 कुओं (44.2%) में जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई. कम से कम 65 कुओं ने 0-2 मीटर की गिरावट दर्ज की, 22 कुओं ने 2-4 मीटर की गिरावट दर्ज की और 27 कुओं ने जल स्तर में 4 मीटर से अधिक की गिरावट दर्ज की. पंजाब के मामले में 230 कुओं का मूल्यांकन किया गया था. उनमें से 172 (74.8 प्रतिशत) ने जल स्तर में गिरावट की सूचना दी.