पंचकूला में सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय धरना देंगे किसान!

 

संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के नेताओं ने बताया की दिल्ली किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने अन्य लंबित मुद्दों जिसमे एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी देने, बिजली संशोधन कानून 2022 की वापसी, लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को न्याय देने का आश्वाशन दिया लेकिन केंद्र सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात करते हुए किसानों को धोखा देने का काम किया है इन लम्बित मुद्दो के साथ साथ प्रदेश के किसानों के अन्य मुद्दे जिसमे फसल खराबे का मुआवजा, लंबित बीमा क्लेम, बाढ़ और सूखे का मुआवजा, ट्यूबवेल कनेक्शन, किसान और मजदूरों की कर्जा मुक्ति आदि समस्याएं ज्यों की त्यों खड़ी हैं जिससे किसानों में गहरा रोष है.

वर्तमान केंद्र सरकार आज किसानों के साथ साथ मजदूरों को भी उजाड़ने पर तुली हुई है खेती को कॉरपोरेट के हवाले कर रही है विभागों का निजीकरण हो रहा है बिजली कानून के माध्यम से प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं ताकि बड़ी कंपनियों का मुनाफा बढ़ाया जा सके. इन्ही लंबित मुद्दों को संयुक्त किसान मोर्चा का देशभर में राज्यों की राजधानियों में 26 से 28 नवंबर तीन दिन के धरने लगाने का आहवान किया गया है. जिसके तहत प्रदेश भर के किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले और ट्रेड यूनियनें पंचकूला सेक्टर 5 में जुटकर 72 घण्टे का पड़ाव डालेंगे.

पड़ाव में प्रदेश भर के किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर अपने खाने पीने का प्रबंध करते हुए तीन दिन की पूरी तैयारियों के साथ पहुंचेंगे. धरने के दौरान ही 27 नवंबर को गुरु नानक देव जी का गुरु पर्व किसानों द्वारा बड़े धूम धाम से मनाया जायेगा. इस मौके पर बैठक में रतन मान ,सुमित दलाल ,तेजवीर सिंह ,अमरजीत सिंह, गुरभजन सिंह , अजयवीर संधू, सुखदेव जम्मू, अजय सिधानी, निर्भय सिंह,जिला लाल,बलबीर सिंह, जयभगवान, हरभजन संधू,कर्म सिंह,दीप चन्द,मंजीत सिंह, ,सतीश सेठी,जरनैल सांगवान, एडवोकेट आरएस साथी, लच्छी राम, गुरपियार आदि शामिल रहे.