किसान आंदोलनों के खिलाफ मुकदमों में 38% इजाफा, 12 राज्यों में शांतिभंग के केस दर्ज!

 

तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग को लेकर किसान पिछले दस महीने से देशव्यापी आंदोलन कर रहे हैं. किसानों द्वारा किए गए आंदोलनों और धरना प्रदर्शनों के आंकड़े सामने आए हैं. एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने किसानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों के आंकड़ों की रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार एक साल के भीतर विरोध प्रदर्शनों के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2020 में किसानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों की करीब 2,188 घटनाएं सामने आई थी. वहीं 2019 में यह आंकड़ा 1,579 था यानी एक साल के भीतर विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज हुए मुकदमों में 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

यह जानकारी सितम्बर 2021 में जारी रिपोर्ट द क्राइम्स इन इंडिया 2020 में सामने आई है. हालांकि रिपोर्ट में पंजाब समेत नौ राज्यों के आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं.     

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‘डाउन टू अर्थ’ में सितंबर, 2020 में  छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के दौरान किसानों में बढ़ता असंतोष पिछले वर्षों की तुलना में बड़े स्तर पर देखा गया है.  

एनसीआरबी के अनुसार, 2019 की तुलना में किसानों के विरोध प्रदर्शन की रिपोर्ट करने वाले राज्यों की संख्या 2020 में 12 से बढ़कर 15 हो गई है. 2020 में जिन तीन नए राज्यों में किसानों द्वारा विरोध किया गया उन राज्यों में हरियाणा, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं.

वहीं खेती-किसानी से जुड़े मामलों पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अजीत सिंह ने ट्विट किया, “किसान आंदोलन को सिर्फ एक-दो राज्यों तक सीमित मानने वालों को NCRB की रिपोर्ट देखनी चाहिए. साल 2019 के मुकाबले 2020 में किसान आंदोलन के मामले 38% बढ़े हैं. देश के 13 राज्यों में कृषि से जुड़े विरोध-प्रदर्शनों पर शांतिभंग के केस दर्ज हैं.”

 हालांकि किसान आंदोलनों पर एनसीआरबी की रोपोर्ट में कुछ ऐसे राज्यों को शामिल नहीं किया गया है जहां किसानों ने पिछले साल बड़ी संख्या में विरोध-प्रदर्शन किए थे. इन राज्यों में पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम,  मणिपुर, त्रिपुरा, गोवा, केरल और  तेलंगाना शामिल है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में इन राज्यों में हुए विरोध प्रदर्शनों की घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है.

वहीं रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य से ठीक एक साल पहले 2021 में, 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे.

रिपोर्ट के अनुसार किसानों द्वारा झारखंड़,महाराष्ट्र,तमिलनाडू,आंद्र प्रदेश,असम,हरियाणा,हिमाचल प्रदेश और मणिपुर में 2019 के 1,579 प्रदर्शनों के मुकाबले 2020 में 2,188 विरोध प्रदर्शन किए गए. देश के 12 राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शनों में इजाफा हुआ है, जिसमें झारखंड सबसे आगे है, जहां 2019 की तुलना में 419 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. साथ ही देश के 13 राज्यों में कृषि से जुड़े विरोध-प्रदर्शनों में शांतिभंग के केस दर्ज किए गए हैं.