पराली जलाने पर किसानों पर लगाया जुर्माना तो किसानों ने पराली जलाकर ही जताया विरोध!

 

भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के कार्यकर्ताओं ने पराली जलाने पर किसानों पर एफआईआर दर्ज करने और जुर्माना लगाने के विरोध में पराली जलाकर विरोध जताया. इसके साथ ही किसान संगठन ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने पर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी. किसानों ने बैठक के दौरान घोषणा की कि अगर कृषि विभाग के अधिकारी गांव में किसानों पर जुर्माना लगाने आएंगे तो वे उनका विरोध करते रहेंगे.

किसानों ने अपना विरोध जताने के लिए पराली जलाई. किसान संगठन के जिला अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा, “यह निर्णय लिया गया है कि किसान धान की फसल काटने के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों को सूचित करेंगे. वे उनसे तीन दिन में अपने खेत मुफ्त में खाली करने को कहेंगे, नहीं तो वे पराली जला देंगे.”

उन्होंने कहा कि किसान संगठन कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों पर जुर्माना नहीं लगाने देंगे. अगर सरकार चाहती है कि किसान इसके निर्देशों का पालन करें तो सरकार को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करनी चाहिए और सभी फसलों पर एमएसपी देना चाहिए.”

वहीं बीकेयू (एसबीएस) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार पर्यावरण को लेकर गंभीर नहीं है, बल्कि केवल कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा, “सरकार साल भर वायु और जल प्रदूषण फैलाने वाली बड़ी कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है, लेकिन साल में एक बार पराली जलाने वाले छोटी जोत वाले किसानों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाने पहुंच जाती है.”

उन्होंने आगे कहा कि मशीनों की कमी भी फसल अवशेषों को ठिकाने लगाने में बाधा बन रही है. उन्होंने कहा कि यदि गांठें तैयार भी हो जाती हैं तो वे कई दिनों तक खेत में पड़ी रहती हैं. उन्होंने कहा, “किसान लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें जल्द से जल्द अपने खेतों को सरसों और आलू की फसल के लिए तैयार करना होता है” उन्होंने कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि किसान अपनी सुविधानुसार पराली जलाएंगे और कोई जुर्माना नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार एफआईआर दर्ज करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन अगर किसानों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई तो किसान संगठन सख्त कार्रवाई करेगा.

बता दें कि अंबाला में अब तक कृषि विभाग ने 30 स्थानों पर पराली जलाने की पुष्टि की है, वहीं पराली जलाने के मामले में अब तक दो किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई हैं जिसका किसान लगातार विरोध कर रहे हैं.