करनाल: ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर 2,185 फर्जी पंजीकरण मिले!

 

पोर्टल को लेकर एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है. करनाल में ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर दो हजार से ज्यादा फर्जी पंजीकरण होने का मामला है. इनमें से 687 किसानों की आईडी का मिलान नहीं हो सका है और अन्य मामलों में दूसरे जिलों के किसानों का पंजीकरण करनाल में किया गया है. 1,498 पंजीकरणों में, धान को गैर-खेती योग्य जमीन या ऐसी जमीन पर दिखाया गया था जहाँ पहले से ही अन्य फसलों की खेती की गई थी.

डेटा की जांच में शामिल एक अधिकारी ने कहा, उनमें से कईं ने पोर्टल पर परमल किस्म दिखाई है जबकि उन्होंने बासमती की खेती की है. यह अन्य राज्यों से पहले से खरीदे गए धान को किसानों के नाम पर फर्जी गेट पास जारी करने का प्रयास हो सकता है. एक अधिकारी ने कहा, ”फर्जी पंजीकरण में चावल मिल मालिकों, आढ़तियों और अधिकारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है”

जिला प्रशासन ने पोर्टल पर 8174 किसानों के पंजीकरण की जांच की. सबसे अधिक 509 फर्जी पंजीकरण असंध तहसील के अंतर्गत पाए गए, इसके बाद करनाल तहसील के अंतर्गत 488, नीलोखेड़ी तहसील के अंतर्गत 480, घरौंडा तहसील के अंतर्गत 243, निगधू उप-तहसील के अंतर्गत 129, इंद्री तहसील के अंतर्गत 126, बल्लाह उप-तहसील के अंतर्गत 66 और निसिंग के अंतर्गत 41 फर्जी पंजीकरण पाए गए हैं.

वहीं बल्लाह उपतहसील के अंतर्गत 41, घरौंडा तहसील के अंतर्गत 179, इंद्री तहसील के अंतर्गत 83, करनाल तहसील के अंतर्गत 80, निगधू उपतहसील के अंतर्गत 96, नीलोखेड़ी तहसील के अंतर्गत 72, निसिंग तहसील के अंतर्गत 35 और असंध के अंतर्गत 101 किसानों की आईडी का मिलान नहीं हुआ.

उपायुक्त अनीश यादव ने कहा, “एमएफएमबी पोर्टल पर किसानों के पंजीकरण का सत्यापन कर लिया है. गेट पास जारी करने की जांच के लिए अनाज मंडियों में पहले से ही निगरानी बढ़ा दी गई है. अनाज मंडियों के सभी गेटों पर सीसीटीवी कैमरों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा निगरानी की जा रही है”