बिजली मीटर के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में जुटे किसान!

 

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान संगठन अन्य मुद्दों के अलावा ट्यूबवेलों पर बिजली के मीटर लगाने को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ 23 अक्टूबर को एक महापंचायत से आंदोलन की शुरुआत करेंगे. मुजफ्फरनगर के मुंडभर गांव में एक पंचायत में नरेश टिकैत ने कहा, ‘किसानों ने बीजेपी सरकार बनाने में सहयोग किया था, लेकिन वह उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है. उत्तर प्रदेश में इनका झंडा भी नहीं दिखेगा. पुलिस विभाग, बिजली, चकबंदी, वन विभाग किसानों के पीछे लगा रखे हैं. 23 अक्तूबर को महापंचायत में आरपार की लड़ाई का एलान होगा. उन्होंने कहा कि किसान तैयारी के साथ आएं.”

बीकेयू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कि 23 अक्टूबर को आंदोलन शुरू होगा। लेकिन यह खत्म नहीं होगा. किसानों की घर वापसी की कोई तारीख निश्चित नहीं की गई है. किसान अपना भोजन व बिस्तर लेकर भाग लेंगे. ट्रैक्टर के सामने जो भी आएगा चाहे किसी एसपी के गेट का दरवाजा ही क्यों ना हो, सबको हटना पड़ेगा. मेरे खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है, लेकिन मेरा पासपोर्ट पिछले चार साल से बंद कर रखा है. यह सब सरकार के इशारे पर अधिकारियों की मिली भगत है. मुझे देश से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) चढूनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ विरोध और काले झंडे दिखाकर प्रदर्शन का आह्वान किया. किसान यूनियन नारायणगढ़ शुगर मिल से बकाया गन्ना भुगतान के 45 करोड़ रुपये की मांग कर रही है. बीकेयू चढ़ूनी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक वीडियो जारी कर सीएम से भुगतान जारी करने या किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करने की मांग की.

वहीं भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) चढ़ूनी ने हरियाणा के मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएसएमबी) पोर्टल पर फसलों के फर्जी पंजीकरण का आरोप लगाया है. किसान यूनियन का दावा है कि आढ़तियों और सरकारी कर्मचारियों सहित कुछ व्यक्ति इन झूठे पंजीकरणों को सत्यापित करने में शामिल हैं. बीकेयू चढ़ूनी ने कुरुक्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) के पास शिकायत दर्ज कराई है और मामले की जांच की मांग की है. डीसी ने शिकायत की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है. यूनियन का आरोप है कि इस घोटाले से असली किसानों को असुविधा हो रही है और सरकार को चूना लग रहा है.