किसानों की केंद्र के साथ नहीं बनी सहमति, G-20 का विरोध करने के साथ 3 दिन रोकेंगे रेल!

 

चंडीगढ़ में 16 किसान संगठनों की केंद्र सरकार से जुड़ी प्रमुख मांगों पर सरकार के साथ सहमति नहीं बन पाई है जिसके बाद किसानों ने 28 सितंबर से तीन दिवसीय ट्रेन रोको मार्च और 8 सितंबर को पूरे उत्तर भारत में जी 20 बैठक के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.

वहीं किसान मजदूर संघर्ष पंजाब के सरवन सिंह पंधेर और भारतीय किसान मजदूर यूनियन के किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा, “उत्तर भारत के बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ की राहत राशि के अलावा MSP गारंटी कानून बनाने, मनरेगा के तहत हर साल 200 दिन का रोजगार देने और दिल्ली मोर्चे के दौरान किये गये पुलिस केस रद्द करने की मांग की गई. जिस पर प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.”

किसान नेताओं ने कहा कि किसान संगठनों ने आपसी बैठक के बाद निर्णय लिया है कि सभी मांगों को लेकर 28 सितंबर से तीन दिवसीय रेल रोको मोर्चा शुरू करेंगे. जिसमें खेत मजदूरों की पूर्ण ऋण माफी और स्वामीनाथन आयोग को लागू करने की मांग भी शामिल है.

मोर्चे की शुरुआत पंजाब में रेल रोको आंदोलन से शुरू की जाएगी उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांगों के समाधान के लिए कदम नहीं उठाती है तो 16 संगठनों द्वारा अगले चरण में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की जायेगी. उन्होंने कहा कि रेल रोकना किसान संगठनों की आत्मसम्मान का सवाल नहीं है. अगर रेल जाम करने से लोगों को परेशानी होती है तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी. उन्होंने कहा कि 8वें जी 20 शिखर सम्मेलन के विरोध में पूरे उत्तर भारत में पुतला दहन किया जाएगा.

वहीं 16 संगठनों की अगली बैठक 11 सितंबर को होगी. इस बैठक में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के राणा रणबीर सिंह, बी.के.यू. एकता (आजाद) के जसविंदर सिंह लोंगोवाल, बी.के.यू. क्रांतिकारी के बलदेव सिंह जीरा, बी.के.यू. बेहरामके के चमकौर सिंह, बी.के.यू. शहीद भगत सिंह (हरियाणा) के अमरजीत सिंह मोहड़ी हरियाणा, बी.के.यू. सर छोटू राम (हरियाणा) के जगदीप सिंह औलख, किसान महापंचायत (हरियाणा) के सचिन, पगड़ी संभाल जट्टा (हरियाणा) के मनदीप सिंह नथवान, आजाद किसान यूनियन (हरियाणा) के सुखविंदर सिंह औलख, प्रगतिशील किसान मोर्चा के गुरमीत सिंह मंगत यूपी, राष्ट्रीय किसान संघ के देशराज मोदगिल हिमाचल नेता शामिल हुए