जमीन मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने गुरुग्राम-जयपुर एक्सप्रेसवे जाम किया!

 

गुरुग्राम-जयपुर एक्सप्रेसवे पर किसानों ने आपकी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जाम लगा दिया. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के आईएमटी मानेसर विस्तार के लिए किसानों को कम मुआवजा देने के चलते किसान हरियाणा राज्य औद्योगिक विभाग द्वारा 1,810 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं;

किसान जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से कोई सुनवाई नहीं की गई है जिसके बाद किसानों ने गुरुग्राम जयपुर एक्सप्रेसवे को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया. किसानों ने बढ़े हुए मुआवजे की मांग पूरी नहीं होने पर राजमार्ग को स्थायी रूप से बंद करने की चेतावनी दी है.

बता दें कि यह मुद्दा पिछले एक साल से हरियाणा सरकार और 3,000 से अधिक किसानों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है. हालांकि सीएम मनोहर लाल ने जुलाई में एक प्रस्ताव की घोषणा की थी, लेकिन अब तक भी किसानों की समस्या का कोई हल नहीं हुआ है. रविवार को हुई एक महापंचायत में एक किसान ने कहा,
“वो हर बार हमारे मुद्दे को अगली कैबिनेट बैठक में उठाने के नाम पर हमें बेवकूफ बनाते हैं. हम पिछले 200 दिनों से हड़ताल पर हैं, लेकिन हमारी मांग पूरी नहीं हुई है. न तो विधायक और न ही सांसद हमारी मांग पर ध्यान देते हैं.”

हमने सामूहिक आत्महत्या करने की चेतावनी दी है, लेकिन फिर भी खट्टर सरकार ने हमारी समस्या को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अब राजमार्गों को रोकने करने का फैसला किया है. किसानों ने कहा कि जमीन की बाजार दर 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ से अधिक है, लेकिन सरकार उन्हें प्रति एकड़ केवल 91 लाख रुपये जिसमें 55 लाख रुपये मूल राशि और बाकी ब्याज है.

कसान, सेहरावां, कुंकरोला, फाजिलपुर, फुकुरपुर, मोकलवास, खरखड़ी, बास लांबी, मानेसर, नाहरपुर कसान, ढाणा, बास कुशला, बास हरिया और नखरोला गांवों में 1,810 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया 2011 में शुरू हुई थी. फिर एक एनजीओ ने चुनौती दी. अगस्त 2022 में, अदालत से अपने पक्ष में आदेश मिलने के बाद, राज्य सरकार ने अधिग्रहण के लिए मुआवजा दिया.

इस बीच, इन गांवों के किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने विस्थापित कोटा के तहत भूखंडों के लिए आवेदन किया था, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें इससे इनकार कर दिया. उन्होंने अब भूखंडों के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण के लिए अतिरिक्त मुआवजा राशि की भी मांग की है.