पंचकूला: किसानों के सामने झुकी खट्टर सरकार, सभी मांगे मानी!

 

किसान आपनी मागों को लेकर सुबह 10 बजे से ही पंचकूला में जुटना शुऱु हो गए थे किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने कईं जगह पर बैरिकेडिंग कर रखी थी. लेकिन अपने ट्रैक्टरों के साथ हजारों की संख्या में जुटे किसान बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गए. जिसके बाद पंचकूला के उपायुक्त ने मुख्यमंत्री की ओर से बातचीत की जानकारी दी जिसके बाद किसान नेताओं के प्रतिनिधि राजभवन में सीएम खट्टर से मिलने पहुंचे. बातचीत के बाद किसान नेता के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सभी मांगों पर सहमति बन गई है.

वार्ता के बाद किसान नेता सुरेश कौथ ने कहा कि शामलात जमीनों के मालिकाना हक के लिए सरकार नए सत्र में कानून लाएगी साथ ही जारी किए गए आदेश पर सरकार कोई एक्शन नहीं लेगी. उन्होंने कहा कि खराब फसलों की गिरदावरी और गन्ना बकाया भुगतान को लेकर भी सकारात्मक बात हुई. वहीं सीएम ने वादा किया कि वर्तमान सत्र में चीनी बिक्री से होने वाली आय से किसानों के बकाया गन्ना बिलों का किया भुगतान जाएगा.

किसानों की मुख्य मांगें

  1. देह शामलात, जुमला मुस्तका, पट्टे वाली व अन्य इस प्रकार की सभी जमीनों के किसानों को पक्के तौर पर मालिकाना हक देने के लिए नया कानून बनाया जाए.
  2. धान के बोने पौधे रहने की वजह से किसानों को हुए नुकसान का पूरे हरियाणा में उचित मुआवजा दिया जाए.
  3. 2022 में जलभराव से खराब हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए और पिछले साल के फसल मुआवजा का जल्दी से जल्दी किसानों के खातों में भुगतान किया जाए.
  4. लंपी वायरस से पशुओं में फैली महामारी के कारण किसानों के मरे हुए पशुओं के लिए उचित मुआवजा दिया जाए और जरूरी कदम सरकार द्वारा उठाए गए.
  5. नारायणगढ़ शुगर मिल के लगभग 62 करोड बकाया राशि का भुगतान जल्दी से जल्दी किया जाए.
  6. धान की फसल में “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर रजिस्टर्ड फसल की प्रति एकड़ लिमिट 25 से बढ़ाकर 35 कुंटल की जाए और 20 सितंबर से धान की खरीद पूरे हरियाणा में शुरू की जाए.
  7. सरकार द्वारा मोटे धान पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है उसको खत्म किया जाए, इसकी वजह से किसान को फसल की अच्छी कीमत नहीं मिलेगी.
  8. ट्यूबवेल कनेक्शन बिना देरी बिना शर्त जल्द दिए जाए.