उत्तर प्रदेश: गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया!

 

गन्ने का नया पेराई सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन उत्तर प्रदेश के किसानों को अभी तक पिछले पेराई सत्र का पूरा भुगतान नहीं किया गया है. राज्य के गन्ना किसानों का एक दर्जन से अधिक चीनी मिलों पर 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जिनमें से कुछ मिलों ने केवल दिसंबर 2022 तक ही भुगतान किया है. इतना ही नहीं राज्य सरकार अब तक भी चालू सीजन के लिए गन्ने का राज्य सलाहकार मूल्य (एसएपी) घोषित नहीं कर पाई है जो कि सीजन की शुरुआत से पहले ही घोषित किया जाना चाहिए था.

पिछले सीजन में गन्ने की अगेती किस्म का एसएपी 350 रुपये प्रति क्विंटल था. उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 33,826.53 करोड़ रुपये हैं. गन्ना किसानों को 29 सितम्बर 2023 तक भुगतान किया गया है, जो कुल भुगतान का 88.90 प्रतिशत है.

शामली जैसी एक दर्जन से अधिक चीनी मिलें हैं जिन पर किसानों का बकाया है. शामली और वून चीनी मिलों ने किसानों को पिछले पेराई सत्र का केवल दो माह का ही भुगतान किया है. जबकि इन मिलों में मई 2023 तक पेराई जारी रही. इस लिहाज से किसानों का 5 महीने का बकाया है. किसानों द्वारा मिलों पर गन्ना पहुंचाने के 14 दिन के भीतर भुगतान हो जाना चाहिए. उसके बाद किया गया भुगतान बकाया भुगतान माना जाता है जिस पर मिलों को ब्याज देना पड़ता है. 

शामली जिले के भैंसवाल गांव के गन्ना किसान भोपाल सिंह शामली चीनी मिल में गन्ना बेचते हैं. भोपाल सिंह ने बताया कि शामली मिल ने दिसंबर 2022 तक का ही भुगतान किया है. जबकि अब नया पेराई सत्र शुरू हो चुका है. इतने लंबे समय से भुगतान न होने के कारण उन्हें आर्थिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है. छोटी खेती के मालिक भोपाल चीनी मिलों द्वारा बकाया भुगतान न करने के कारण पिछला कर्ज नहीं चुका पाए हैं. शामली जिले के हजारों किसान ऐसी ही स्थिति से दो चार हो रहे हैं.