6 फसलों के MSP में मामूली बढ़ोतरी, किसानों ने बताया धोखा!

 

केंद्र ने बुधवार को रबी सीजन के लिए विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की, जिसमें गेहूं में 150 रुपये और सरसों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बढ़ाई गई दरों की घोषणा की.

पीएम की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी को मंजूरी दी. बढ़ोतरी के बाद गेहूं का एमएसपी बढ़कर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा जबकि रेपसीड और सरसों के लिए यह 5,650 रुपये होगा. मसूर का एमएसपी 425 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के बाद 6,425 रुपये होगा. कुसुम का एमएसपी 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,800 रुपये कर दिया गया है। जौ और चने का समर्थन मूल्य 115 रुपये और 105 रुपये बढ़ाया गया है, जिससे ये क्रमश: 1,850 रुपये और 5,440 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं.

वहीं खेती बाड़ी से जुड़े मामलों के जानकार रमनदीप सिंह मान ने MSP में बढ़ोतरी को लेकर सवाल उठाए हैं उन्होंने लिखा, “उत्पादन लागत में 8.9% की वृद्धि हुई; जबकि आज घोषित 6 फसलों के लिए एमएसपी में 2~7% की बढ़ोतरी हुई है. आप कृषि आय कैसे दोगुनी करेंगे, जब इनपुट लागत में वृद्धि एमएसपी वृद्धि से अधिक है. @PMOIndia जी ? और घोषित एमएसपी #किसानों की व्यापक इनपुट लागत से 50% अधिक नहीं है”

रमनदीप सिंह मान ने एक और टविट में लिखा, “मोदी सरकार ने फिर झूठ बोला कि किसानों को इनपुट लागत से 50% अधिक दाम मिल रहा है, जबकि एमएसपी A2+FL लागत पर तय किया गया है, C2 लागत पर नहीं, जैसा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी! इस बढ़ोतरी के बाद भी किसानों को गेहूं पर 203 रुपये/क्विंटल, जौ पर 571 रुपये/क्विंटल, मसूर पर 910 रुपये/क्विंटल और सरसों पर 452 रुपये/क्विंटल का नुकसान हुआ है.